अध्ययन के अनुसार, 2000 के दशक की शुरुआत तक बांग्लादेश में क्विनोलोन-प्रतिरोधी उपभेदों का 85% से अधिक एस टाइफी (बैक्टीरिया जो टाइफाइड बुखार का कारण बनता है) के लिए जिम्मेदार था, जो 2010 तक भारत, पाकिस्तान और नेपाल में 95% से अधिक हो गया।
लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, टाइफाइड पैदा करने वाले बैक्टीरिया क्विनोलोन जैसे गंभीर रूप से महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी बन गए हैं, और पिछले 30 वर्षों में व्यापक रूप से फैल गए हैं, जिसमें यह भी कहा गया है कि भारत में 2000 के दशक मेंक्विनोलोन-प्रतिरोधी उपभेदों में 95% से अधिक की वृद्धि हुई है।।
अध्ययन के अनुसार, 2000 के दशक की शुरुआत तक बांग्लादेश में क्विनोलोन-प्रतिरोधी उपभेदों का 85% से अधिक एस टाइफी (बैक्टीरिया जो टाइफाइड बुखार का कारण बनता है) के लिए जिम्मेदार था, जो 2010 तक भारत, पाकिस्तान और नेपाल में 95% से अधिक हो गया।
इसमें कहा गया है कि व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले मैक्रोलाइड एंटीबायोटिक- एजिथ्रोमाइसिन के प्रतिरोध के कारण उत्परिवर्तन भी पिछले 20 वर्षों में कम से कम सात बार सामने आए हैं।
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