अधिकांश बच्चे घर से स्कूल और स्कूल से घर आने के लिए बस का उपयोग करते हैं I कई शहरों और मोहल्लों में संक्रमण बढ़ने के कारण इन बच्चों को स्कूल जाते समय सुरक्षित रखना माता पिता के लिए एक बहुत बड़ी चिंता का विषय बन गया हैI हम उन्हें कैसे सुरक्षित रखें?
बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए हम कहीं चीजें कर सकते हैं I सबसे पहले उन्हें दूसरे बच्चों से अवैध को से दूरी बनाने को कहेंI जाहिर है हर वक्त क्या संभव नहीं होगा I इसलिए बच्चों को हमेशा मास्क पहनने को कहें I
उनसे कहे कि अपनी बैग में हमेशा सैनिटरी जेल और एक पानी की बोतल रखें I समय-समय पर अपने हाथों को सैनिटाइज करते रहे या धोते रहे I स्कूल से घर लौटने के बाद उन्हें घर पर ही रहने को कहे I स्कूल से लौटने के बाद हो सके तो नहा ले और सारे कपड़े बदल ले I
आप खुद को और अपने बच्चों की जांच नियमित रूप से दिन में दो बार करते हैं तो आप जल्दी पता लगा सकते हैं कि आप या आपके बच्चे संक्रमित हैं या नहीं I आप पूछ सकते हैं कि दिन में दो बार ही क्यों? प्रत्येक मनुष्य में एक सर्काडियन चक्र होता है, सुबह के वक्त इंसान के शरीर का तापमान शाम के वक्त की तुलना में कम होता है I यह अंतर 0. 9 डिग्री सेल्सियस तक का है जो कि काफी महत्वपूर्ण हो सकता है I इसका मतलब यह हुआ कि सुबह के वक्त जब आप अपने शरीर का तापमान जाते हैं तो वह बिल्कुल सामान्य रीडिंग ही देगा लेकिन दिन में आप का तापमान काफी बढ़ सकता है, इसका मतलब कुछ ही घंटों में आपके शरीर में बुखार का विकास हुआ है I इसलिए अपने शरीर के और अपने बच्चों के शरीर के तापमान को सही तरीके से समझने के लिए दिन में दो बार शरीर का तापमान जानना जरूरी है एक सुबह और दूसरा शाम को I
अब सवाल यह उठता है कि शरीर का तापमान मापने का सबसे अच्छा तरीका क्या है I कुछ लोग कान के थर्मामीटर पर भरोसा करते हैं कुछ लोग मुंह पर जीप के नीचे थर्मामीटर लगा कर तापमान मापते हैं तो फिर कुछ लोग शक्ति आईआर गण का उपयोग करते हैं जो चीन में निर्मित है I यह कोई भी अच्छा विकल्प नहीं है I क्योंकि अगर आप दिन में दो बार अपने बच्चे का तापमान जागते हैं तो 2 बार उसके कान में हो थर्मामीटर लगाना पड़ेगा, बार-बार कान में थर्मामीटर लगाने पर उसके कान में दर्द हो सकता हैI कान का थर्मामीटर बहुत सटीक नहीं है क्योंकि हर व्यक्ति के कान की बनावट एक जैसी नहीं होती और फिर उस थर्मामीटर को काम में कितनी दूर तक धकेलना है यह भी तय नहीं है I इससे कान में ज्यादा है खेलने पर कान के परदे पर चोट लग सकती है I आईआर गंस भी सही नहीं है क्योंकि आप अपने बच्चे के माथे पर जब दूर से उस थर्मामीटर को धमनी की तरफ लगाते हैं तो चांद से ज्यादा यही है कि वह सही जगह पर खुद को प्लेस नहीं कर पाता I सही जगह पर हिट ना कर पाने के कारण सही तापमान नहीं आ पाता और आपको सिर्फ बच्चे की त्वचा का तापमान मिलता है I त्वचा के तापमान से यह पुष्टि बिल्कुल भी नहीं होती कि बच्चे को बुखार है या नहीं I इसलिए इन थर्मामीटर का उपयोग ना करें I एक सर्जन द्वारा निर्मित टेंपोरल आर्टरी थर्मामीटर एक सही विकल्प है I यह बहुत ही सटीक एक्यूरेट तापमान जांचने में आपकी मदद करता है आपका बच्चा जब सो रहा हूं अब तक भी इससे तापमान जान सकते हैं बहुत ही आसान तरीके से सिर्फ इससे आपके अपने माथे की मां के ऊपर से इसे एक ही बनाना है यहां से टेंपोरल आर्टरी जो कि सिर्फ दो अब मैं बचा के नीचे हैं सही तापमान देती है अमेरिका में बनाया थर्मामीटर पचासी से ज्यादा रिसर्च पेपर और क्लीनिकल पेपर है जोकि यह बताते हैं कि यह थर्मामीटर सबसे सटीक सबसे तेज और सबसे सही तापमान देता है
Your best choice for a thermometer is a temporal artery thermometer. When using a temporal artery thermometer all you have to do is gentle swipe the sensor head of the thermometer across the forehead. The sensor will perform a measurement of the blood in the temporal artery on the forehead, which is a perfect spot for a very accurate measurement of the body temperature. What makes it even better is that these thermometers are non-invasive so kids will not be scared of you performing a measurement. You can even measure their body temperature when they are asleep. Because they do no have to be awake for you to be able to perform a perfect measurement of their body temperature.

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